आज के समय में तनाव हमारे जीवन का एक हिस्सा बन चुका है। हम सभी हर रोज तमाम मुश्किलों का सामना करते है और कई बार ऐसे हालात आते हैं जिन्हें हम चाहकर के भी संभाल नहीं पाते हैं। यह कुछ स्थितियों में आता है और इसमें हमारा कोई नियंत्रण नहीं होता है। कुछ लोग ऐसे तनाव को आराम से झेल ले जाते है लेकिन कुछ लोग इस दबाव को नहीं झेल पाते और ऐसे में यह हमारे कार्य करने की क्षमता को प्रभावित करते है और हमारी प्रोडक्टिविटी और परफॉरमेंस पर निगेटिव असर डालता है। लेकिन यह हमारी जिम्मेदारी है कि हम उस प्रतिकूल स्थिति से कितने प्रभावी ढंग से निपटते है और उसे अपने अनुकूल बना लेते हैं। कभी-कभी हमारे भरोसेमंद व्यक्ति के साथ बात करना और तनाव से निपटने के लिए उनकी मदद मांगना ठीक है। इसके अलावा हमें अपने शौक और रुचियों का पालन करना चाहिए। हमारी भावना हर मिनट, हर घंटे, हर दिन बदलती रहती है। यदि आप पाते हैं कि आपकी भावनाएँ अटक गई हैं और यह आपको नकारात्मक रूप से प्रभावित कर रहा है, तो यह इस बात का संकेत है कि आपको किसी पेशेवर काउंसलर या मनोवैज्ञानिक से भी कुछ मार्गदर्शन लेना चाहिए। इस पर खुल कर बात करना जरुरी है ताकि आप सही समय पर और सकारात्मक रूप से अपने तनाव को मैनेज कर पाए।
मनो. दिव्या गुप्ता
मनोवैज्ञानिक एवं काउंसलर