ऑब्सेसिव कंपल्सिव डिसऑर्डर (OCD) एक प्रकार का चिंता विकार है। यह एक मानसिक स्थिति है जिसमे पेशेंट को एक ही तरह के विचार बार बार आते है साथ ही वह कुछ इस तरह के व्यवहार करता है जो बार बार रिपीट करता रहता है। इन लोगो की लाइफ स्टाइल पूरी तरह से डिस्ट्रॉय हो जाती है साथ ही इनके quality of life में भी बहुत चेंज आ जाता है और ख़राब हो जाती है।
ओ सी डी (O C D) के तीन मुख्य भाग होते हैं-
वह विचार जो आपके मन में बार-बार आते है। (आब्सेशन)
चिन्ता और घबराहट बेचैनी जो आप महसूस करते है। (भावनायें)
अपनी चिन्ता को कम करने के आप जो कार्य करते हैं। (कम्पलशन)
इसमें एक साइकिल सी चलती रहती है। व्यक्ति इससे खुद भी बहोत परेशान हो जाता है और इससे उसका बहुत सारा समय इन्ही विचारो और बेहेवियर रिपीट करने में निकल जाता है। वह यह जानते हुए भी की ये उसके अतार्कित विचार है और यह कंडीशन उसके लिए बहोत परेशान करने वाली होती है लेकिन इसके बावजूद वो खुद को रोक नहीं पाता।
O C D कई तरह की होती है जैसे-
गन्दगी का डर या बीमारी होने का डर,
परफेक्शन- हर चीज़ को arrange करते रहना,
खुद को या दुसरो को नुकसान पंहुचा देने का विचार,
भगवान के लिए गलत विचार चलते रहना,
बार-बार सफाई करते रहना या हाँथों को साफ़ करते रहना,
बार-बार चीज़ो को काउंट करते रहना आदि।
अच्छी बात यह है की O C D का इलाज़ संभव है और मनोवैज्ञानिक व काउंसलर की प्रोफेशनल हेल्प से अपने जीवन को और बेहतर किया जा सकता है। ध्यान रखें, अपने मन का ख्याल रखना और उसे स्वस्थ रखना आपकी पहली प्राथमिकता है। मानसिक स्वास्थ्य संबंधी परामर्श लेना आपकी स्मार्टनेस है ना कि आपकी वीकनेस।
मनो. दिव्या गुप्ता
मनोवैज्ञानिक एवं काउंसलर
"योर ट्रस्टेड फ्रेंड इन योर इमोशनल हेल्थ"