आइए बात करते हैं मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी कुछ भ्रांतियो के बारे में
1- क्या सभी मानसिक बीमारी पागलपन की बीमारी है?
नहीं ऐसा बिल्कुल भी नहीं है यह मनोरोग होने का कुछ मूल कारण होता है जो सही इलाज से ठीक हो जाता है। ज्यादातर समस्याएं अवसाद, चिंता, तनाव, अत्यधिक डर, बेवजह के विचारों, नकारात्मक विचारों का आना आदि होता है इन सभी समस्याओं का निदान है और उपचार संभव है यदि सही समय पर मनोवैज्ञानिक या मनो विशेषज्ञ से परामर्श लिया जाए तो यह समस्या ठीक हो सकती है।
2- यह किसी काला जादू या ऊपरी चक्कर की वजह से होता है?
नहीं बिल्कुल नहीं यह किसी ऊपर चक्कर की वजह से नहीं होता है। यह एक मन की बीमारी है या दिमाग में रसायनिक गड़बड़ी की वजह से होता है, जो मस्तिष्क में डोपामिन जैसे केमिकल के बढ़ जाने या कम हो जाने से होता है। इसके अलावा अत्यधिक तनाव चिंता भी इसका एक कारण है, जिससे हमारी भावनाओं विचारों और व्यवहार मे समस्याएं आ जाती हैं।
3- यह एक लाइलाज बीमारी है ऐसा नहीं है?
यह लाइलाज नहीं है इसका इलाज पूरी तरह से संभव है। इसका इलाज कराने से व्यक्ति पूरी तरह स्वस्थ हो सकता है और अपने कार्यों को पहले जैसे ही सामान्य तरह से कर सकता है।
4- यह बीमारी व्यक्ति को बार-बार होती है ऐसा नहीं है?
यदि व्यक्ति को सही समय में सही उपचार दिया जाता है और वह व्यक्ति बीमारी से संबंधित दवाओ का नियमित सेवन, व साथ ही साथ ही नियमित काउंसलिंग लेता है तो इस बीमारी को दोबारा होने की संभावना बहुत कम हो जाती है या होती भी है तो व्यक्ति उसको डील करना काउंसलिंग की मदद से काफी हद तक सीख जाता है जिससे वह स्वयं की मदद कर सकता है।
5- इस बीमारी की दवाइयां जिंदगी भर खानी पड़ती हैं?
नहीं इस बीमारी का जितना जल्दी से जल्दी उपचार किया जाता है बिमारी उतनी ही जल्दी ठीक हो जाती है और दवाइयां बंद हो जाती हैं। दवाइयों का सेवन नियमित 6 महीने से लेकर 1 साल या कभी-कभी इससे थोड़ा ज्यादा समय के लिए करना पड़ सकता है। यह इस पर डिपेंड करता है की बीमारी की गंभीरता कितनी है, साथ ही साथ पेशेंट को काउंसलिंग की भी हेल्प लेनी चाहिए काउंसलिंग में व्यक्ति को अपने जीवन में आने वाली समस्याओं से निपटने के तरीके सिखाए जाते हैं, और व्यक्ति अपने जीवन को पहले से और अच्छी तरह खुशी से जीना सीख पाता है।
6- क्या मानसिक रोग ठीक करने में नींद की दवाइयों का प्रयोग किया जाता है? जो कि गर्म होती हैं, नुकसान करती है और आदत बना देती हैं?
ऐसा नहीं है हर तरह की मानसिक रोगों के लिए अलग-अलग दवाई होती है हर दवा का अलग अलग रोल होता है जो आपके ब्रेन के न्यूरो केमिकल्स को बैलेंस करने में सहायक होता है हर दवा का एक कोर्स होता है सिर्फ सुला कर रखना किसी समस्या का समाधान नहीं है।
7- क्या शादी के बाद मानसिक रोग ठीक हो जाते हैं?
ऐसा नहीं है शादी के बाद तनाव बढ़ने वाले रोग अति गंभीर रूप भी ले सकते हैं और यदि आप इन रोगो को छुपाकर शादी करते है तो ये आपके वैवाहिक जीवन समस्या ऐसा कर सकता है और आप और अधिक तनाव में आ सकते हैं। इसलिए शादी मानसिक रोगों का इलाज नहीं है।
अंत में यही कहना चाहूंगी यदि आपके आसपास या परिवार में कोई भी मानसिक रोगों से पीड़ित है तो उसे जल्दी से जल्दी किसी मनोवैज्ञानिक या मनोचिकित्सक के पास ले करके जाएं ताकि उनकी मनोदशा का उचित निवारण हो सके।
"There is no health without mental health".
मनो. दिव्या गुप्ता
मनोवैज्ञानिक एवं काउंसलर
"योर ट्रस्टेड फ्रेंड इन योर इमोशनल हेल्थ"