अवसाद जिसे डिप्रेशन भी कहा जाता है। एक आम मानसिक समस्या है। डिप्रेशन को आमतौर पर मानसिक बीमारी के "सामान्य सर्दी" के रूप में जाना जाता है, जो दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। आजकल के तनाव मुक्त जीवन शैली अत्यधिक महत्वाकांक्षी होना इन रोगों को बढ़ाता है यह मनोरोग किसी भी उम्र में हो सकता है खास बात यह है की यह रोग पुरुषों में ज्यादा देखा गया है उसके बावजूद ये दोनों ही महिलाओं और पुरुषों में होता है। यह रोग मूड में होने वाले उतार-चढ़ाव और भावनात्मक प्रतिक्रियाओं से जुड़ी परेशानी है, डिप्रेशन जिसे हम आम भाषा में उदासी की परेशानी भी कहते हैं डिप्रेशन का संबंध मन से है यानी मन से जुड़ी परेशानी। आम धारणा यह है कि उदासी या अवसाद (डिप्रेशन) का रोग सिर्फ किसी गंभीर पारिवारिक या आर्थिक तनाव के चलते ही होता है लेकिन सच्चाई इसके ठीक विपरीत है। अवसाद बिना किसी खास तनाव के भी हो सकता है।
डिप्रेशन के लक्षण:-
इसके खास लक्षणों में लगातार चिंता बने रहना, मन में लगाता उदासी बने रहना, असंतोष निराशा, खालीपन, घबराहट का अनुभव होना, वा किसी बात के प्रति अपने आप को दोषी समझना बार-बार खुद को ब्लेम करते रहना आदि लक्षण होते हैं। अवसाद से ग्रस्त व्यक्ति लगातार दुखी रहता है और उसकी आशाएं कम हो जाती है और वह खुद को असहाय महसूस करने लगता है। इसमें व्यक्ति की नींद और भूख कम हो जाती है या बढ़ जाती है, व्यक्ति का काम में मन नहीं लगता, उसको शरीर में दर्द महसूस होता रहता है और लेटे रहने का मन करता है, उसका किसी काम में मन नहीं लगता, कभी-कभी व्यक्ति का गुस्सा बहुत बढ़ जाता है और वह बहुत चिड़चिड़ा हो जाता है।
अवसाद या डिप्रेशन किन कारणों से होता है ?
अगर डिप्रेशन के कारणों की बात करें तो हम देख सकते हैं कि इसके जैविक, अनुवांशिक, मनोसामाजिक, जैवरासायनिक असंतुलन के कारण यह बीमारी हो सकती है इस बीमारी के लिए अन्य कारण जैसे कुपोषण, अनुवांशिकता, हार्मोन, मौसम में बदलाव, तनाव, कोई गंभीर शारीरिक बीमारी, नशा, व अप्रिय स्थितियों में लंबे समय तक रहना आदि है जो व्यक्ति को डिप्रेशन में ले जाते हैं।
उपचार क्या है?
अच्छी बात यह है कि डिप्रेशन का उपचार पूरी तरह से संभव है और यह लाइलाज नहीं है यदि आपके आसपास कोई भी व्यक्ति बताए गए 3-4 लक्षणों या अधिक से ग्रस्त है तो उससे बात करें और उसे तुरंत डॉक्टर के पास लेकर जाए या मनोवैज्ञानिक अथवा काउंसलर के पास लेकर जाएं। 2 हफ्ते तक यदि कोई व्यक्ति दुखी या उदास रहता है और खाना पीना ठीक से नहीं लेता है तो यह संभव है कि वह डिप्रेशन से ग्रसित हो।
मनो. दिव्या गुप्ता
मनोवैज्ञानिक एवं काउंसलर
"योर ट्रस्टेड फ्रेंड इन योर इमोशनल हेल्थ"