चिंता जिसे एंग्जायटी भी कहा जाता है। Anxiety disorder एक प्रकार का मनोरोग है। साधारण शब्दों में चिंता या घबराहट आने वाले समय में कुछ बुरा या खराब घटने की आशंका होना है। एंग्जायटी आशंका और भय की भावना है, जो शारीरिक लक्षणों जैसे कि धड़कन, पसीना और तनाव की भावनाओं के साथ होती है। यह हर उम्र क व्यक्ति को हो सकता है।
जब कभी अत्यधिक चिंता आशंका या घबराहट किसी कारणवश या अकारण लम्बे समय तक बनी रहती तो इसे चिंता की परेशानी या एंग्जायटी डिसऑर्डर कहा जाता है, और इसे उपचार की जरुरत होती है। थोड़ी-बहुत चिन्ता सभी को होती है और यह हमारे लक्ष्य की प्राप्ति या सफलता के लिए आवश्यक भी है। लेकिन जब यह चिंता अत्यधिक बढ़ जाती है और हम हमारे दिन प्रतिदिन के कार्यो में बाधा उत्पन करने लगती है, जिससे हम अपने सामान्य कार्यो को भी कर पाने में असमर्थ होने लगते है तब इसे उपचार की जरुरत होती है।
महामारी विज्ञान सर्वेक्षणों के अनुसार, एक तिहाई आबादी अपने जीवनकाल में एक चिंता विकार से प्रभावित होती है। इसके अलावा, विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार, विश्व स्तर पर 13 में से 1 व्यक्ति चिंता से ग्रस्त है। डब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट है कि चिंता विकार दुनिया भर में सबसे आम मानसिक विकार हैं।
इस रोग की पहचान निम्न लक्षणों से की जा सकती है-
◾हर समय आशंका घबराहट भय चिंता की कोई अनहोनी घटना या दुर्घटना न हो जाए। हर कार्य करने के प्रयास में सदैव भय लगना कि काम ठीक से नहीं हो पायेगा।
◾शारीरिक परेशानी जैसे मांसपेसियों में तनाव सिर में तनाव और शरीर के विभिन्न भागों में दर्द कमजोरी और थकान का होना। दिल का तेजी से धड़कना, बहुत ज्यादा पसीना आना हाँथ पैर ठंडे हो जाना आदि।
◾यह एंग्जायटी अति तीव्र पैनिक भी हो सकती है। जिसमे घबराहट अति तीव्र होती है और व्यक्ति को लगता कि जान निकल जाएगी या हार्ट अटैक आ जाएगा या दम घुटता है और सांस लेने में रूकावट होती है या शरीर और दिमाग म नियंत्रण कम सा होने लगता है।
अच्छी बात यह है की एंग्जायटी डिसऑर्डर का इलाज़ किया जा सकता है और मनोवैज्ञानिक व काउंसलर की प्रोफेशनल हेल्प से अपने जीवन को और बेहतर किया जा सकता है। ध्यान रखें, अपने मन का ख्याल रखना और उसे स्वस्थ रखना आपकी पहली प्राथमिकता है। मानसिक स्वास्थ्य संबंधी परामर्श लेना आपकी स्मार्टनेस है ना कि आपकी वीकनेस।
मनो. दिव्या गुप्ता
मनोवैज्ञानिक एवं काउंसलर
"योर ट्रस्टेड फ्रेंड इन योर इमोशनल हेल्थ"